अब जब आप चार्ट के प्रकार और टाइमफ्रेम के बारे में जानते हैं, तो विभिन्न असेट्स के वास्तविक मूल्य के उतार-चढ़ाव का अध्ययन करने का समय आ गया है। ध्यान दें कि मूल्य चार्ट विश्लेषण से संबंधित चीजें, जैसे तकनीकी विश्लेषण, सभी असेट्स के लिए काम करती हैं। इस लेसन में, हम मूल्य चार्ट से रॉ डेटा का विश्लेषण करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे, जिसे प्राइस एक्शन भी कहा जाता है।
ट्रेंड और करेक्शन
ट्रेंड किसी असेट के मूल्य के उतार-चढ़ाव की सामान्य दिशा को दर्शाता है। ट्रेंड ऊपर की ओर (बुलिश), नीचे की ओर (बेयरिश) या सपाट (रेंजिंग) जा सकते हैं।
- एक अपट्रेंड की विशेषता यह है कि कीमतें हायर हाई (HH) और हायर लो (HL) बनाती हैं। यह चोटियों और गर्तों (घाटियों) की एक श्रृंखला की तरह नज़र आता है, जिसमें प्रत्येक चोटी पिछली चोटी से ऊंची होती है और प्रत्येक गर्त पिछले गर्त से ऊंचा।
- इसके विपरीत एक डाउनट्रेंड, मूल्यों द्वारा लोअर लो (LL) और लोअर हाई (LH) बनाते हुए दर्शाता है। यह घटती चोटियों और गर्तों की एक श्रृंखला है।
- एक रेंजिंग या साइडवेज़ (सपाट) बाज़ार स्पष्ट अपट्रेंड या डाउनट्रेंड नहीं दिखाता है। इसके बजाय कीमतों में एक सीमा के भीतर उतार-चढ़ाव होता रहता है।
दूसरी ओर, करेक्शन समग्र रूप से अपवर्ड या डाउनवर्ड ट्रेंड का अस्थायी प्राइस रिवर्सल है। आम तौर पर वे समग्र ट्रेंड की तुलना में छोटे परिमाण में होते हैं और समग्र ट्रेंड में बदलाव का संकेत नहीं देते हैं।

सुझाव #1: एक नौसिखिए के रूप में, नियम को फॉलो करें, "ट्रेंड आपका दोस्त है।" इसका मतलब है कि अपट्रेंड के दौरान अप ट्रेड खोलना और डाउनट्रेंड होने पर डाउन ट्रेड खोलना। ऐसा माना जाता है कि अगर कोई ट्रेंड मौजूद है, तो उसके उलटने की बजाय जारी रहने की ज्यादा संभावना होती है। इस प्रकार, आम तौर पर किसी ट्रेंड के विरुद्ध या करेक्शन पर ट्रेडिंग करने की तुलना में किसी ट्रेंड की दिशा में ट्रेडिंग करने से कम जोखिम के साथ ज्यादा फायदे मिलते हैं।
किसी ट्रेंड को कैसे ढूंढें
मूल्य के ट्रेंड निर्धारित करने के लिए दृश्यात्मक (विज़ुअल) विश्लेषण एक सरल लेकिन कुशल तरीका है। अपट्रेंड के लिए HH और HL और डाउनट्रेंड के लिए LH और LL ढूंढें।
चार्ट पर ट्रेंड को चिह्नित करने के लिए ट्रेंडलाइन का इस्तेमाल करें। चार्ट विंडो में तकनीकी विश्लेषण आइकन पर क्लिक करें, ड्रॉइंग के साधन चुनें और ट्रेंडलाइन चुनें। एक रेखा खींचें जो अपट्रेंड में लो (निचले स्तर) को या डाउनट्रेंड में हाई को जोड़ती है। इससे आपको ट्रेंड को देखने और इसी के अनुसार अपने ट्रेड की योजना बनाने में मदद मिल सकती है। जब आप इस रेखा को भविष्य के लिए प्रोजेक्ट (खींचते) करते हैं, तो अगली बार जब यह रेखा के करीब आएगी तो कीमत में उछाल आने की संभावना होती है।
आप किसी ट्रेंड को देखने के लिए तकनीकी इंडिकेटरों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, एक मूविंग एवरेज (MA) मूल्य डेटा को स्पष्ट कर सकता है। MA से ऊपर का मूल्य आम तौर पर एक अपट्रेंड को दर्शाता है, जबकि MA से नीचे का मूल्य एक डाउनट्रेंड को दर्शाता है।
कुल मिलाकर, सबसे बेहतरीन विकल्प एक ट्रेंडलाइन खींचना और ट्रेंड की दिशा की पुष्टि करने के लिए इंडिकेटर का इस्तेमाल करना है।

अपट्रेंड में, मूल्य चार्ट के निम्न स्तर (लो) से ट्रेंडलाइन खींची जाती है। कई मामलों में, उच्च कीमतों (हाई) को जोड़ने वाली एक समानांतर रेखा खींचना भी संभव है, जिसके नतीजतन एक ट्रेंड चैनल बनता है। फिर भी, अपट्रेंड में, निचले स्तर (लो) से गुजरने वाली रेखा ज्यादा महत्वपूर्ण है क्योंकि एक बार जब कीमत इसके नीचे टूट जाती है, तो इसका मतलब होता है कि ट्रेंड बदल गया है।
सुझाव #2: प्रत्येक टाइमफ्रेम में प्राइस एक्शन (कीमत की गतिविधि) की एक अलग अवधि होती है। एक दिन के टाइमफ्रेम में, आप देखेंगे कि पिछले महीनों में असेट की कीमत में क्या हुआ था। यदि आप 1 घंटे पर स्विच करते हैं, तो आप पिछले कई दिनों की प्राइस एक्शन को अधिक विस्तार से देख सकते हैं। बेशक, इन टाइमफ्रेम में ट्रेंड अलग-अलग होंगे। इसलिए, जैसा कि टाइमफ्रेम पर पिछले लेसन में बताया गया है, दीर्घकालिक ट्रेंड क्या है यह देखने के लिए हमेशा एक बड़े टाइमफ्रेम पर गौर करें।
सपोर्ट और रजिस्टेंस
ये मूल्य चार्ट के प्रमुख लेवल हैं। वे मूल्य के लिए दृश्यात्मक (विज़ुअल) सीमा के रूप में काम करते हैं। जब कीमत इनमें से किसी एक लेवल पर पहुंचती है, तो इसकी दिशा उलटने की संभावना बनती है।
- वर्तमान मूल्य से नीचे का क्षेत्र सपोर्ट है, जहां खरीदारी का दबाव बिक्री के दबाव से ज्यादा हो सकता है, जिसके चलते कीमत ऊपर की ओर उछल सकती है। यह एक ऐसे फर्श (फ्लोर) के रूप में काम करता है जिससे कीमत टूटकर आगे निकलने की संभावना नहीं है।
- इसके विपरीत, वर्तमान मूल्य से ऊपर का क्षेत्र रजिस्टेंस होता है, जहां बिक्री का दबाव खरीदारी के दबाव से ज्यादा हो सकता है, जिससे कीमत नीचे की ओर बढ़ सकती है। यह एक ऐसी छत (सीलिंग) के रूप में काम करता है जिससे कीमत टूटकर आगे निकलने की संभावना नहीं है।

सपोर्ट और रजिस्टेंस की पहचान
यहां सपोर्ट और रजिस्टेंस लेवल के कुछ प्रकार दिए गए हैं।
1. स्विंग हाईज़ और लोज़
स्विंग हाई वह कैंडलस्टिक है जिसके बाएं और दाएं दोनों तरफ कम से कम दो LH हैं, और स्विंग लो वह कैंडलस्टिक है जिसके दोनों तरफ कम से कम दो HL हैं।

2. मनोवैज्ञानिक लेवल
"00" पर खत्म होने वाली कीमतें जैसे 1.4000 या 105.00 अक्सर प्रमुख सपोर्ट और रजिस्टेंस लेवल के रूप में कार्य करती हैं। ऐसा इस लिए है कि इन राउंड नंबरों का ट्रेडरों पर मनोवैज्ञानिक असर होता है।
3. मूविंग एवरेज
MA, खासकर दीर्घकालिक वाले, गतिशील (डाइनामिक) सपोर्ट या रजिस्टेंस लेवल के रूप में भी काम कर सकते हैं।
4. ट्रेंडलाइन
ये डायगोनल सपोर्ट और रजिस्टेंस लेवल उपलब्ध करा सकते हैं जो ट्रेंडिंग बाज़ारों में संभावित दिलचस्प क्षेत्रों की पहचान करने में सहायक हो सकते हैं।

एक बार जब आप संभावित सपोर्ट और रजिस्टेंस क्षेत्रों की पहचान कर लेते हैं, तो आप चार्ट पर क्षैतिज (हॉरिजॉन्टल) रेखाएँ खींच सकते हैं। यह दृश्यात्मक साधन आपको यह जानने में मदद करती है कि भविष्य में कीमतें इन लेवल पर पहुंचने पर कब कार्रवाई करनी है।
सुझाव #3: आम तौर पर, जितनी अधिक बार सपोर्ट या रजिस्टेंस लेवल का परीक्षण किया जाता है (कीमत के वहां तक पहुंचने, लेकिन इससे आगे न बढ़ने या इसे न "तोड़ने"), वह लेवल उतना ही मजबूत होता है। यह भविष्य की प्राइस एक्शन के लिए इस लेवल को ज्यादा भरोसेमंद बाधा (सीमा) बना सकता है।
सुझाव #4: जब कीमत सपोर्ट या रजिस्टेंस लेवल से आगे निकल जाती है, तो अक्सर ऐसा होता है कि लेवल की भूमिकाएँ उलट जाती हैं। एक बार टूटने पर, रजिस्टेंस लेवल सपोर्ट लेवल बन सकता है, और इसके विपरीत भी।
आप अपने ट्रेडों के लिए प्रवेश (एंट्री) और निकास (एग्जिट) लेवल खोजने के लिए सपोर्ट और रजिस्टेंस का इस्तेमाल कर सकते हैं, खासकर अगर आप उन्हें ट्रेंड विश्लेषण के साथ जोड़ कर करते हैं। यदि कीमत सपोर्ट से ऊपर की ओर उलट जाती है और ट्रेंड ऊपर की ओर है, तो यह अप ट्रेड खोलने का एक अच्छा मौका होता है। इसके विपरीत, यदि कीमत रजिस्टेंस से नीचे की ओर बढ़ती है और ट्रेंड नीचे की ओर है, तो आप डाउन ट्रेड खोलने पर विचार कर सकते हैं।
आगे
अगले लेसन में, आप तकनीकी इंडिकेटरों के बारे में सीखेंगे जिससे आपको यह समझने में मदद मिलेगी कि चार्ट पर क्या चल रहा है और आप भविष्य में कीमतों में उतार-चढ़ाव का पूर्वानुमान लगा पाएंगे।