इंडिकेटर

ट्रेंडों के साथ Volume इंडिकेटर का इस्तेमाल

ट्रेंड की ताकत को मापना

Volume इंडिकेटर इस बात की अच्छी इन्साइट देता है कि कोई ट्रेंड कितना मजबूत है:

• अपट्रेंड में, ऊपर के दिनों में उच्च वॉल्यूम (जिन दिनों में कीमत बढ़ी है) और नीचे के दिनों में कम वॉल्यूम मजबूत खरीद रुझान का संकेत देता है।

• डाउनट्रेंड में, गिरावट वाले दिनों में अधिक वॉल्यूम और तेजी वाले दिनों में कम वॉल्यूम मजबूत बिक्री दबाव का संकेत देता है।

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यदि किसी ट्रेंड के दौरान वॉल्यूम कम हो जाता है, तो यह संकेत है कि ट्रेंड की गति कमजोर हो रही है, जिससे रिवर्सल हो सकता है।

डाइवर्जेंस का पता लगाना

डाइवर्जेंस तब होता है जब किसी असेट का ट्रेडिंग वॉल्यूम और मूल्य विपरीत दिशाओं में चलते हैं।

उदाहरण:

यदि कीमत हायर हाइज़ पर पहुंच जाती है, जबकि वॉल्यूम कम हो जाता है, तो यह संकेत हो सकता है कि अपट्रेंड कमजोर हो रहा है और रिवर्सल आने वाला हो सकता है।

ट्रेंड रिवर्सल की पहचान

ट्रेडिंग वॉल्यूम में बदलाव संभावित रिवर्सल को घटित होने से पहले पहचानने में मदद कर सकता है। उदाहरण के लिए, घटता वॉल्यूम अक्सर यह संकेत देता है कि ट्रेंड अपनी गति खो रहा है और शायद अपने अंत तक पहुंच रहा है।

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सुझाव:

संभावित ट्रेंड बदलावों को अधिक सटीकता से देखने के लिए Volume इंडिकेटर को चार्ट पैटर्न और अन्य तकनीकी टूल्स के साथ कम्बाइन करें। इस तरह, आपको बाज़ार में होने वाले बदलावों के बारे में उनके होने से पहले ही स्पष्ट जानकारी मिल जाएगी।