Volume इंडिकेटर ट्रेडिंग वॉल्यूम में आए बदलावों को ट्रैक करता है, ताकि आप ट्रेंड पर ट्रेडिंग करते समय बाज़ार में होने वाले बदलावों का आसानी से पूर्वानुमान लगा सकें।
ट्रेडिंग वॉल्यूम क्या है?
ट्रेडिंग वॉल्यूम किसी असेट की वह मात्रा है जिसका एक तय अवधि में ट्रेड किया जाता है। यह बाज़ार की गतिविधि और असेट में रुचि को दर्शाता है।
Volume इंडिकेटर आपकी मदद करता है:
1. ट्रेंड की पुष्टि के लिए। यदि असेट की कीमत बढ़ती है और वॉल्यूम बढ़ता है, तो यह एक मजबूत अपट्रेंड का संकेत है। यदि कीमत बढ़ती है जबकि वॉल्यूम घटता है, तो यह कमजोर ट्रेंड का संकेत है।
2. रिवर्सल की पहचान के लिए। जब ट्रेडिंग वॉल्यूम में बदलाव होता है, तो यह संकेत हो सकता है कि खरीदार या विक्रेता नियंत्रण ले रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप बाज़ार में संभावित बदलाव हो सकता है।
3. सपोर्ट और रजिस्टेंस लेवलों को प्रकट करने के लिए। यदि कीमत उच्च वॉल्यूम वाले लेवल को तोड़ने में संघर्ष करती है, तो वह लेवल भविष्य के मूल्यों के उतार-चढ़ाव के लिए एक अहम सपोर्ट या रजिस्टेंस बिंदु बन जाता है।
4. लिक्विडिटी का आकलन करने के लिए। उच्च वॉल्यूम की अवधि के दौरान, ट्रेड आम तौर पर तेजी से और बेहतर कीमतों पर निष्पादित होते हैं। इसके विपरीत, कम वॉल्यूम के कारण अधिक अस्थिरता हो सकती है — खासकर छुट्टियों के आसपास। जब बाज़ार में कम निवेशक ट्रेडिंग कर रहे होते हैं, तो बड़े निवेशकों का नियंत्रण अधिक होता है, जिससे मूल्यों में उतार-चढ़ाव अप्रत्याशित हो जाते हैं और अच्छे मूल्य लेवलों पर निवेश करना मुश्किल हो जाता है।
5. गलत सिग्नल फ़िल्टर करने के लिए। यदि कोई दूसरा इंडिकेटर खरीद या बिक्री का संकेत देता है, लेकिन वॉल्यूम में वृद्धि नहीं हुई है, तो सिग्नल अविश्वसनीय हो सकता है। किसी ट्रेड में प्रवेश करने से पहले अधिक पुष्टि की प्रतीक्षा करें।
आप Volume इंडिकेटर का इस्तेमाल सभी प्रकार के चार्टों (ज़ोन चार्ट को छोड़कर), सभी असेट वर्गों के लिए और किसी भी डिवाइस (डेस्कटॉप, मोबाइल और वेब प्लेटफ़ॉर्म) पर कर सकते हैं।